मेरे देस की बात निराली

 

मेरे देस की बात निराली 
दिन भी निराला रात निराली
क़दम क़दम पर लगते मेले 
ईद कहीं पर कहीं दिवाली
मेरे देस की बात निराली 

घर आंगन की बात न पूछो
तुम सावन की बात न पूछो
गीत प्रेम के गाए जाते 
कूचा कूचा डाली डाली
मेरे देस की बात निराली 

चलती है जब जब पुरवाई
मौसम लेता है अंगड़ाई 
तन मन में नवयौवन भर दे
भीगी भीगी रुत मतवाली
मेरे देस की बात निराली 

मेरे देस की बात निराली 
दिन भी निराला रात निराली

                              Imran Falak 








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अगर मेरी किसी रचना से या मेरे किसी लेख से किसी का दिल दुखा है या किसी के जज़्बात को ठेस पहुंची है तो उसके लिए सॉरी,  I am very very sorry