CSS क्या है? Web Designing में CSS का रोल

CSS का मतलब है Cascading Style Sheets। यह एक स्टाइलिंग लैंग्वेज है जिसका उपयोग वेब पेज को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है। HTML के साथ मिलकर, CSS वेब पेज की लुक और फील को कंट्रोल करता है।

CSS क्या है? Web Designing में CSS का रोल


CSS वेब डिजाइन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आपकी वेबसाइट को प्रोफेशनल और यूजर-फ्रेंडली बनाता है।

CSS को आसान भाषा में समझें तो यह आपकी वेबसाइट के कपड़े और मेकअप जैसा है।

अगर HTML को एक कंकाल (skeleton) माना जाए, तो CSS उसे सुंदर, आकर्षक और व्यवस्थित बनाने का काम करता है।

HTML से आप वेबपेज का ढांचा तैयार करते हैं, जैसे हेडिंग, पैराग्राफ, इमेज आदि।

CSS उन चीज़ों की शकल-सूरत तय करता है—जैसे टेक्स्ट का रंग, साइज, बैकग्राउंड, बटन का डिज़ाइन, और एलिमेंट्स की पोजिशन।

उदाहरण के तौर पर:

सोचिए, एक साधारण HTML पेज पर सिर्फ टेक्स्ट और इमेज हैं। अब CSS से आप- 

टेक्स्ट का रंग लाल कर सकते हैं।

इमेज को गोल कर सकते हैं।

बैकग्राउंड में रंग या तस्वीर जोड़ सकते हैं।

पूरा पेज मोबाइल और कंप्यूटर पर अलग-अलग तरीके से दिखा सकते हैं।

इस तरह, CSS आपकी वेबसाइट को देखने में आकर्षक और उपयोग करने में आसान बनाता है।

CSS एक वेबपेज के "मेकअप आर्टिस्ट" की तरह काम करता है। HTML से जो कंकाल (structure) बनता है, CSS उसे खूबसूरत और आकर्षक बना देता है।

CSS से क्या-क्या Control किया जा सकता है:

रंग (Color): टेक्स्ट या बैकग्राउंड का कलर सेट करना।

फॉन्ट (Font): टेक्स्ट का स्टाइल, साइज और फॉन्ट टाइप कंट्रोल करना।

टेक्स्ट का साइज (Size of Text): टेक्स्ट को छोटा या बड़ा दिखाना।

एलिमेंट्स के बीच स्पेसिंग (Spacing): HTML एलिमेंट्स के बीच गैप सेट करना।

पोजिशनिंग (Positioning): वेबपेज पर एलिमेंट्स को सही जगह पर पोजिशन करना।

बैकग्राउंड इमेज या कलर: बैकग्राउंड में इमेज या कोई कलर जोड़ना।

डिवाइस के अनुसार डिजाइन (Responsive Design): अलग-अलग स्क्रीन साइज और डिवाइस के लिए वेबपेज का लेआउट बदलना।

CSS कैसे Work करता है:

1. HTML और CSS को ब्राउज़र लोड करता है:

सबसे पहले, ब्राउज़र HTML फाइल को पढ़ता है।

HTML फाइल में जो भी कंटेंट (जैसे टेक्स्ट, इमेज, बटन आदि) होता है, उसे ब्राउज़र "DOM" (Document Object Model) नाम की एक संरचना में बदल देता है।

फिर ब्राउज़र देखता है कि HTML में कौन-कौन सी CSS फाइल्स लिंक की गई हैं।

2. CSS फाइल लोड होती है:

HTML के साथ लिंक की गई CSS फाइल्स को ब्राउज़र अलग से लोड करता है।

CSS फाइल में लिखा कोड यह तय करता है कि वेबपेज के हर एलिमेंट (जैसे हेडिंग, पैराग्राफ, बैकग्राउंड) को कैसे दिखना है।

3. CSS और HTML का मिलान:

ब्राउज़र HTML और CSS को मिलाकर तय करता है कि किस एलिमेंट पर कौन-सा स्टाइल लागू करना है।

अगर एक ही एलिमेंट पर कई CSS नियम लागू हो रहे हैं (जैसे अलग-अलग फाइल्स में लिखा गया हो), तो CSS का "Cascading" नियम तय करता है कि कौन-सा नियम प्राथमिकता में आएगा।

4. फाइनल लुक तैयार होता है:

HTML से कंटेंट आता है, और CSS से उसका डिज़ाइन तय होता है।

ब्राउज़र इसे मिलाकर स्क्रीन पर फाइनल वेबसाइट दिखाता है।

उदाहरण:

HTML कहता है: "यह एक पैराग्राफ है।"

CSS कहता है: "इस पैराग्राफ का रंग नीला होना चाहिए और टेक्स्ट को सेंट्रल में दिखाओ।"

ब्राउज़र दोनों को मिलाकर आपको स्क्रीन पर एक नीले रंग का, सेंट्रलाइज्ड पैराग्राफ दिखाता है।

CSS के प्रोसेस के स्टेप्स:

लोडिंग: HTML और CSS दोनों फाइल्स लोड होती हैं।

पार्सिंग: HTML और CSS को कंप्यूटर की भाषा में बदला जाता है।

DOM और CSSOM बनता है: HTML का DOM (Document Object Model) और CSS का CSSOM (CSS Object Model) तैयार होता है।

रेंडरिंग: दोनों को मिलाकर ब्राउज़र फाइनल वेबपेज तैयार करता है।


Web डिजाइनिंग में CSS का रोल

CSS का वेब डिजाइनिंग में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। यह वेबसाइट को उपयोगकर्ता के लिए अधिक आकर्षक और उपयोगी बनाता है। इसकी प्रमुख भूमिकाएं हैं:

1. वेबपेज का स्टाइल और लेआउट तैयार करना:

CSS का उपयोग करके आप टेक्स्ट का रंग, फॉन्ट, बैकग्राउंड, और बॉर्डर जैसी चीज़ों को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।

यह वेब पेज को साफ, सुंदर और उपयोगकर्ता-अनुकूल (user-friendly) बनाता है।

2. रिस्पॉन्सिव डिजाइन:

CSS का उपयोग वेबसाइट को मोबाइल, टैबलेट, और डेस्कटॉप जैसे अलग-अलग डिवाइस पर सही ढंग से दिखाने के लिए किया जाता है।

यह मीडिया क्वेरी (media query) की मदद से स्क्रीन साइज के अनुसार लेआउट बदलने की सुविधा देता है।

3. HTML और CSS को अलग करना:

CSS के कारण HTML सिर्फ कंटेंट के लिए उपयोग होता है, जबकि CSS पूरे डिज़ाइन को कंट्रोल करता है।

इससे कोडिंग क्लीन और मेंटेन करना आसान हो जाता है।

4. संगठन और पुनः उपयोग:

CSS को एक अलग फाइल में लिखा जा सकता है, जिसे कई HTML पेज के साथ जोड़ा जा सकता है।

एक ही CSS फाइल से पूरी वेबसाइट का डिज़ाइन कंट्रोल किया जा सकता है।

5. वेबसाइट के लुक को बेहतर बनाना:

CSS का उपयोग करके एनिमेशन, ट्रांजिशन, और विजुअल इफेक्ट्स जोड़े जा सकते हैं, जो वेबसाइट को आकर्षक बनाते हैं।


CSS का उपयोग

1. स्टाइल जोड़ने के लिए:

CSS का उपयोग टेक्स्ट और एलिमेंट्स के लिए स्टाइल जोड़ने में किया जाता है।

टेक्स्ट का रंग बदलना

बैकग्राउंड इमेज और रंग जोड़ना

फॉन्ट स्टाइल और साइज बदलना

2. लेआउट बनाने के लिए:

CSS की मदद से आप वेब पेज के एलिमेंट्स को व्यवस्थित कर सकते हैं।

फ्लेक्सबॉक्स और ग्रिड लेआउट का उपयोग

एलिमेंट्स को सेंट्रल, लेफ्ट या राइट अलाइन करना

कॉलम और रो में कंटेंट को बांटना

3. रिस्पॉन्सिव डिजाइन:

CSS का उपयोग वेबसाइट को अलग-अलग स्क्रीन साइज पर बेहतर तरीके से दिखाने के लिए किया जाता है।

@media (max-width: 768px) {

    body {

        background-color: lightblue;

    

}

}


4. एनिमेशन और ट्रांजिशन:

CSS का उपयोग वेब पेज में इफेक्ट्स और एनिमेशन जोड़ने के लिए होता है।

button:hover {

    background-color: red;

    transition: background-color 0.5s;


}

CSS के प्रकार:

1. Inline CSS 

Inline CSS का उपयोग तब किया जाता है जब हमें सिर्फ एक HTML एलिमेंट पर स्टाइल लगानी हो। इसे HTML टैग के अंदर style एट्रिब्यूट के जरिए लिखा जाता है। यह तरीका त्वरित बदलाव के लिए अच्छा है, लेकिन पूरे वेब पेज पर इसका उपयोग करना मुश्किल और अव्यवस्थित हो सकता है।

Inline CSS कैसे काम करता है? (Step-by-Step)

1. HTML टैग में स्टाइल जोड़ना:

Inline CSS को सीधे HTML के किसी भी टैग में जोड़ा जा सकता है।

उदाहरण:

<p style="color: blue; font-size: 18px;">यह एक नीले रंग का पैराग्राफ है।</p>

इसमें:

color: blue; टेक्स्ट का रंग नीला होगा।

font-size: 18px; टेक्स्ट का आकार 18 पिक्सल होगा।

2. हर टैग पर अलग-अलग स्टाइल लगाना:

Inline CSS के साथ आपको हर टैग में अलग-अलग स्टाइल लिखनी पड़ती है।

उदाहरण:

<h1 style="color: red;">यह लाल हेडिंग है</h1>  

<h2 style="color: green;">यह हरे रंग की सब-हेडिंग है</h2>  

<p style="color: blue;">यह नीले रंग का पैराग्राफ है</

p>

हर टैग के लिए स्टाइल अलग से लिखना पड़ता है, जिससे कोड बड़ा और जटिल हो सकता है।

Inline CSS का उपयोग कब करें?

1. Preview और Testing:

जब आपको तुरंत कुछ बदलाव चेक करना हो।

उदाहरण:

<button style="background-color: yellow; border: none;">यह बटन है</button>

यह कोड बटन का बैकग्राउंड पीला बना देगा।

2. Quick Fixes:

अगर वेबसाइट के किसी एक हिस्से में समस्या है और उसे जल्दी ठीक करना है।

उदाहरण:

<div style="text-align: center; padding: 10px;">यह सेंटर में अलाइन किया गया डिव है।</div>

3. Individual Element Styling:

जब किसी एक ही एलिमेंट पर विशेष स्टाइल लगानी हो।

Inline CSS के फायदे:

1. कोई अलग फाइल नहीं चाहिए:

CSS कोड HTML टैग में ही लिखा जाता है।

उदाहरण:

<h1 style="color: purple;">पर्पल हेडिंग</h1>

2. Quick Change:

छोटी वेबसाइट्स में या तत्काल बदलाव के लिए उपयोगी।

उदाहरण:

<p style="background-color: lightgray;">ग्रे बैकग्राउंड वाला पैराग्राफ।</p>

Inline CSS के नुकसान:

1. कोड अव्यवस्थित हो जाता है:

हर टैग पर स्टाइल लिखने से HTML को पढ़ना और समझना मुश्किल हो जाता है।

उदाहरण:

<h1 style="color: red; font-size: 20px;">हेडिंग 1</h1>

<h1 style="color: green; font-size: 25px;">हेडिंग 2</h1>

अगर ऐसे कई एलिमेंट्स हैं, तो कोड मैनेज करना कठिन हो जाता है।

2. Repetition:

हर जगह स्टाइल को बार-बार लिखना पड़ता है।

उदाहरण:

<p style="color: black;">ब्लैक टेक्स्ट</p>

<p style="color: black;">ब्लैक टेक्स्ट</p>

External CSS में इसे एक ही बार डिफाइन करके कई जगह लागू किया जा सकता है।

Inline CSS कैसे लिखें? 

HTML फाइल खोलें:

HTML फाइल को एडिटर (जैसे VS Code) में खोलें।

HTML टैग को चुनें:

जिस टैग पर style लगाना है, उसे चुनें।

Style Attribute जोड़ें:

टैग में style="" जोड़ें और उसके अंदर CSS प्रॉपर्टीज लिखें।

उदाहरण:

<h1 style="color: orange; text-align: center;">This is orange heading</h1>

Inline CSS त्वरित और सरल है, लेकिन इसे अधिक उपयोग करना ठीक नहीं है। यह मुख्य रूप से छोटे बदलाव, टेस्टिंग, या फौरी समाधान के लिए उपयोगी है। बड़ी वेबसाइट्स के लिए External CSS या Internal CSS का उपयोग करना बेहतर होता है।

What is Embedded CSS?

Embedded CSS को Internal CSS भी कहा जाता है। इसे HTML फाइल के <head> टैग के अंदर लिखा जाता है। यह सिर्फ उसी HTML पेज पर लागू होता है जहां इसे जोड़ा गया है। यह तरीका तब उपयोगी है जब आपको सिर्फ एक पेज के लिए स्टाइल सेट करनी हो।

Embedded CSS (Internal CSS) को HTML के <head> सेक्शन में लिखा जाता है और इसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी एक वेब पेज को खास स्टाइल देने की जरूरत हो।

How to Use Embedded CSS? 

1. Open HTML File:

HTML फाइल को किसी टेक्स्ट एडिटर (जैसे, VS Code) में खोलें।

2. Go to the <head> Tag:

<head> टैग में <style> टैग जोड़ें।

3. Add CSS Code:

CSS कोड को <style> टैग के अंदर लिखें।

<style type="text/css">

    /* CSS code goes here */

</style>

4. Close the <style> Tag:

CSS को समाप्त करने के लिए </style> टैग का उपयोग करें।

5. Save and View Changes:

फाइल को सेव करें और ब्राउज़र में check करके देखें।

Example of Embeded CSS

<!DOCTYPE html>

<head>

    <style type="text/css">

        body {

            background-color: lightblue;

            font-family: Arial, sans-serif;

        }

        h1 {

            color: navy;

            text-align: center;

        }

        p {

            color: darkgray;

            font-size: 18px;

            line-height: 1.5;

        }

    </style>

</head>

<body>

    <h1>This is an Embedded CSS Example</h1>

    <p>This is an example paragraph styled using embedded CSS. The background is light blue, and this text is dark gray.</p>

</body>

</html>

Advantages of Embeded CSS 

No External File Required:

CSS कोड को HTML फाइल में ही लिखा जाता है।

यह छोटे प्रोजेक्ट्स के लिए समय बचाता है।

Faster Page Loading:

कोई अतिरिक्त CSS फाइल अपलोड नहीं करनी पड़ती।

Single Page Styling:

एक पेज पर खास स्टाइल लागू करना आसान है।


Disadvantages

Limited to One Page:

यह केवल उस पेज पर लागू होता है जहां CSS लिखा गया है।

हर पेज के लिए अलग-अलग CSS लिखने से समय और प्रयास बढ़ता है।

Not Suitable for Large Projects:

बड़ी वेबसाइट्स के लिए External CSS बेहतर होता है।

Embeded CSS कब use करें 

Single Page Design: जब सिर्फ एक HTML पेज को अलग स्टाइल देना हो।

Small Projects: छोटे प्रोजेक्ट्स में जहां स्टाइल कोड कम हो।

Quick Testing: डिजाइन का प्रीव्यू देखने या टेस्टिंग के लिए।

Embedded CSS मुख्य रूप से छोटे प्रोजेक्ट्स और एकल वेब पेज के लिए उपयोगी है, लेकिन बड़ी वेबसाइट्स के लिए External CSS ज्यादा बेहतर है।

CSS क्या है? Web Designing में CSS का रोल

CSS (Cascading Style Sheets) वेब डिजाइनिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो वेब पेज के लुक और फील को नियंत्रित करता है। यह HTML के साथ मिलकर वेब पेज को आकर्षक और यूजर-फ्रेंडली बनाता है।

वेब डिज़ाइनिंग में CSS का मुख्य रोल लेआउट कंट्रोल, रंग संयोजन, फॉन्ट स्टाइलिंग, रेस्पॉन्सिव डिज़ाइन और एनिमेशन को हैंडल करना होता है। यह वेबसाइट को सिर्फ सुंदर ही नहीं, बल्कि उपयोग में आसान और तेज़ लोडिंग वाला भी बनाता है।

आज के डिजिटल युग में, एक अच्छी वेबसाइट की पहचान उसके डिज़ाइन और परफॉर्मेंस से होती है, और CSS इसमें अहम भूमिका निभाता है। इसलिए, एक वेब डेवलपर या डिज़ाइनर के लिए CSS को समझना और सही तरीके से उपयोग करना बेहद ज़रूरी है।

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